urjadhani express
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उत्तर प्रदेश से पूर्वांचल राज्य आसमान से गिरे खजूर पर अटके से
अधिक नहीं होगा। उ. प्र. में गाजियाबाद के बाद राजस्व में
सोनभद्र का स्थान है। सोनभद्र से उत्पादित बिजली, कोल खनन,
पत्थर खनन आदि से प्रदेश ही नहीं देश का विकास हुआ है।
सोनभद्र में विकास की जगह विनाश को बढ़ावा मिला है।
विकास के संदर्भ में पूर्वांचल के प्रति नियति ठीक नहीं होने
के कारण पूर्वांचल राज्य की मांग सामयिक हो सकती है
पर भविष्य में आजादी के पूर्व के देशी रियासतों से अधिक
नहीं हो सकता। गंभीर सवाल ही नहीं गंभीर संकट भी है।
वैसे बीमारी(विकास के अभाव) के हिसाब से आप के
ईलाज (सुझाव) की बात बेहतर हो सकती है। इससे चरम पंथियों
पर काबू पाने में सफलता मिल सकती है।
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