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खतरनाकः बच्चों के फंसे बचपन पर रखें नजर

urjadhani express
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खतरनाकः कम्प्यूटर गेम में बच्चों के फंसे बचपन पर रखें नजर
-भैय्या.मारो मारो…नहीं तो मार देगा…..
भैया.मारो मारो…नहीं तो मार देगा…जैसे शब्दों को कम्प्यूटर सेन्टरों पर नन्हें-मुन्हें बच्चों के मूंह से आसानी से सुन सकते हैं। कोमल मन का झुकाव कम्प्यूटर गेम की ओर ज्यादा होने पर आंखों पर चश्मा तो चढ़ेगा, वहीं पढ़ाई का बेइंतहां नुकसान होता है। घरों से बच्चे कम्प्यूटर पर पढ़ने के नाम पर अपने अभिभावकों से समय लेकर निकलते हैं और गेम में भिड़ जाते हैं। समय का ध्यान बच्चों के बजाय अभिभावकों को रखना होगा। बच्चे तो मन के सच्चे होते हैं। बच्चे चाहे तो खुद ऐसी खबरों को पढ़कर सावधान हो सकते हैं और अन्य बच्चों को अनावश्यक कम्प्यूटर गेम पर समय के बर्बाद होने से बचा सकते हैं। कक्षा में पहला स्थान या अच्छा अंक नहीं पाने का अफसोस पढ़ने वाले बच्चों को अवश्य होता है। जरा, वे सोच लें कि जितनी पढ़ाई से उन्हें जो अंक मिले हैं। क्या उनमें इजाफा नहीं हो सकता है। वे खुद इसका जवाब ढूढें तो उन्हें बेहतर उत्तर मिलेगा। सीधा सा जवाब मिलेगा..निश्चित तौर पर और अच्छे अंक मिल सकते थे। बच्चे खुद अनावश्यक रूप से कम्प्यूटर गेम पर जाया करने वाले समय पर रोकथाम कर सकते हैं। मां-बाप बच्चों को सदैव खुश रखना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों को चाहिए कि मां-बाप की खुशी के लिए मेहनत से पढ़े और खुद ही समझदारी से काम लें। कितना अच्छा होता कि बच्चें पढ़-लिखकर अपना फर्ज पूरा करते और मां-बाप का नाम रोशन करते। अपने देश का नाम पूरे संसार में ऊंचा करते। गर्व कहते कि हम होंगे कामयाब एक दिन..क्योंकि हर मां बाप की खुशी बच्चों की पढ़ाई में होती है।

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