- 36 Posts
- 285 Comments
मेरी शादी गरीब लड़के से करना….जैसे बातों को कहकर एक अविवाहित बटिया रो रही थी। उसके आंसू नहीं रुक रहे थे। घर के अन्य लोग भी रो रहे थे। कोई कुछ कहने की स्थिति में नहीं था। मामला महज डिमाण्ड(नीचता) से जुड़ा हुआ था। घर के लोग बेसुध पड़े हुए थे। उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर क्या किया जाय। कोई तो कुछ रास्ता बताये…। मामला कुछ साल पहले का था। ओबरा की एक बेटी की शादी बिहार में हुई थी। जहां पर उससे अक्सर ही कुछ न कुछ मांगा जाता था। विवाह ठीक से चलता रहे। इसके लिए बेटी का पिता मांगे पूरी करता रहा परन्तु आये दिन के मांगों के आगे वह भी कुछ करने की स्थिति में नहीं था। अन्ततः पिता को बेटी की मौत की सूचना मिली यानी डिमाण्ड पूरी नहीं होने पर प्रताड़ना और फिर बाद में हत्या। विवाह के वक्त पिता ने ख्लाल रखा था कि बेटी की शादी अच्छे घर में (धन वाले या कथित तौर पर अमीर घर में) कर दिया। पैसे वाले घर में शादी करने पर अधिक पैसे की डिणाण्ड होती रही और अन्ततः मायके के लोगों को दुखदः सूचना मिली। बड़ी बहन की मौत पर बिलख रही छोटी बहन एक ही बात दुहरा रही थी कि पापा गरीब घर में शादी कर दिये होते तो रोज-रोज डिमाण्ड नहीं होती। बहन श्रम कर कुछ कर लेती और पेट भर जाता परन्तु मौत नहीं मिलती। मेरी खुद की राह है कि बराबरी में करें शादी। शादीः धन के मामले न बहुत ऊंची हो और न ही नीची। विचार ऊंचे मिल जाय तो सोने में सुहागा।
Read Comments